मेरा भारत मेरा देश , कहने को कितने भेष
मेरा भारत मेरा देश
अखंड की की थी कामना , और खुद ही किये खंडित प्रदेश,
मेरा भारत मेरा देश
जन जन में प्रफुल्लित कामना , लेकिन दासिता का ये वेश ,
मेरा भारत मेरा देश
संस्कृति हमारी निम्नतर हुई,समक्ष पश्चिमी के देख,
मेरा भारत मेरा देश
अंग्रेजी के पीछे छुपी मेरी भाषा हिंदी देख,
मेरा भारत मेरा फ्देश
पहनावा तन ढकने का था, हुआ अब उसमे अक्षम देख,
मेरा भारत मेरा देश
अहिंसा का प्रतीक था ये,पर घर घर में अब हिंसा देख,
मेरा भारत मेरा देश
खुद्दारी की मिसाल था ये, हुआ अब भिख्मंग्गा देख,
मेरा भारत मेरा देश
मेरा भारत मेरा देश