Sunday, December 27, 2009

जशने नया साल

सभी देशवासियों को मेरा प्रणाम व मेरी ओर से आगामी नव वर्ष की शुभ कामनाएं।
जैसा की हम देख रहे हैं की नया साल आने वाला है , और सभी ने अपने अपने स्तर पे
उसका जष्न मानाने की तेयारियां कर ली हैं ,और ये होना भी चाहिए .चूँकि यदि हम
किसी आने वाले की ख़ुशी मनाते हैं तो आने वाला भी हमे ख़ुशी देने का प्रयास करता है। तो आइये हम एक नयी ख़ुशी व नए जोश के साथ आने वाले साल (२०१०) का स्वागत करें ।
लेकिन आज कोई भी जष्न बिना "शराब "के पूरा नहीं समझा जाता ,लोगों का जादातर ये मन्ना है की बिना शराब के जष्न ठीक वैसे ही है जैसे "बिना नमक के रोटी।"
आज शराब हमारे सामाजिक जीवन (सोशल लाइफ) का हिस्सा बन गयी है। ये मै नहीं कह रहा,
ये सब हो रहा है। चूँकि आज कोई भी पार्टी देख लीजिये उसमे शराब होना ज़रूरी सा हो गया है।
न केवल उस पार्टी में शराब का होना ज़रूरी हो गया है बल्कि उसे पीना भी ज़रूरी हो गया है।
क्योंकि यदि किसी पार्टी में शराब चल रही हो और आप के हाथ में शराब का प्याला न हो तो आप को सामाजिक नहीं समझा जाता है।
आप के लिए कहा जाता है की आप को समाज में रहना नहीं आता और न ही आप को पार्टी में शिरकत करनी आती है।
यदि आप शराब की कमियां गिनाते हो तो सुनने वाला कहता है की अरे यार अच्छी तो मुझे भी नहीं लगती पैर क्या करू मजबूरी में पीनी पढ़ जाती है.कारन बताया जाता है की यार बॉस के साथ साथ हूँ तो अगर बॉस ने प्याला मेरी तरफ किया और मैंने नहीं लिया तो उन्हें बुरा लगेगा और बॉस को अगर बुरा लगा तो पता ही है क्या होगा? कुछ ऐसा ही तर्क दिया जाता है।
लेकिन अगर हम ईमानदारी से सोचें क्या ये सब बहाने नहीं है?
हाँ ,चूँकि ये हमारी अंदर से ही इच्छा होती है पीने की और हम दूसरों पे उसकी ज़िम्मेदारी दाल कर अपनी इच्छा मजबूरी के नाम पे पूरी कर लेते हैं।
मै इतना जनता हूँ की अगर आप की इच्छा कुछ न खाने या न पीने की है तो कोई भी आपको ज़बरदस्ती वो नहीं खिला पिला सकता .और यदि आप वाकई ईमानदारी से उसके लिए मना करते है तो तो वो आपकी निर्व्यस्नियता को नहीं तोड़ेगा ।और शराब न पीना आपकी कोई कमी नहीं बल्कि निर्व्यस्नियता में दृढ संकल्पता को दर्शाता है।
शराब एक मादक पेय पदार्थ है और कोई भी मादक पदार्थ सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता।
चूँकि वो पदार्थ जिससे आप खुद के भी नियंत्रण में न रहें वो फायदेमंद कैसे हो सकता है?
चूँकि वो पदार्थ जिससे आप की वाणी आप के नियंत्रण में न रहे वो फायदेमंद कैसे हो सकता हे?
चूँकि वो पदार्थ जिससे आप अपने बड़ों का आदर सत्कार भूल जाएँ वो फायदेमंद कैसे हो सकता है?
चूँकि वो पदार्थ जिससे आप को अपने ही शारीरिक व मानसिक नुकसान का बोध न हो,वो फायदेमंद कैसे हो सकता है?
और जब किसी चीज़ से हमे कोई फायदा ही नहीं है तो हम उसे करें ही क्यों ?
तो आओ हम नए साल के शुरू होने से पहले ही उसके जष्न को बिना शराब का प्रयोग करके मनाते हुए अपना आगामी जीवन निर्व्यस्नीय बनाने का दृढ संकल्प करें।
धन्यवाद्
आप सब के सहयोग से "निर्व्यसन " व "स्वस्थ" भारत की कामना के साथ
आपका
विक्की


3 comments:

  1. Good piece of work bhaiya.
    Jin logo' ki Ichcha shakti strong hai,woh log zarur follow karenge.
    Sharaab se hame kuch milne waala nahi...sirf logo' ne aisi soch bana rakhi hai...
    Bas zarurat hai to logo' ko sirf apni soch badalne ki...
    SHARAAB PINE SE KOI BANTA NAHI SIRF BARBAAD HOTA HAI.
    Gr8 message to our Indian Society to lead a better,healthier and happy life for their Future and for the sake of their Families.
    Before i end one more thing to say to people who will read this message and my comments too is please don't search for any peculiar reason to stay tuned to Liquor,the best and right time to stop drinking is now...follow this.

    ReplyDelete
  2. विकी भाई ,

    यह एक अच्छा पर्याप्त है ,लोगों को बताने का ,की शराब उत्सव का हिस्सा नहीं है |

    और मुझे यह भी लगता है कि उत्सव [पार्टियों] बिना शराब के भी बहुत ज्यादा बेहतर हो सकता है

    ReplyDelete